योजना का उद्देश्य तथा पात्रता – योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय निकायों में निवासरत् 21-30 वर्ष की आयु वर्ग के बेरोजगार युवाओं को एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाना है तथा उनकी रूचि अनुसार ऐसे क्षेत्र (Trade) में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है जिससे भविष्य में उन्हें स्थाई रोजगार प्राप्त हो सकें। योजना में पात्रता हेतु परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये से कम होना चाहिए।
योजना का स्वरूप तथा क्रियान्वयन
- योजना के अंतर्गत पात्र युवाओं को एक वर्ष में 100 दिवस के लिए, 4,000/- रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड (Stipend) पर नगरीय निकायों में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जाएगा।
- योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित नगरीय निकाय (यथा नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद्) नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी।
- नगरीय निकाय में पंजीयन के दौरान प्रत्येक पात्र युवा से दो तरह के विकल्प लिए जाएंगे (i) निकाय द्वारा चिन्हांकित कार्यो में से कार्य हेतु विकल्प, जैसे – सम्पत्ति कर की वसूली, जल कर की वसूली, सम्पत्ति कर हेतु सर्वे, निर्माण कार्यो में श्रमिक के रूप में कार्य (ii) कौशल प्रशिक्षण हेतु क्षेत्र (Trade) का चयन जिसमें करियर बनाने की रूचि हो।
- पात्र युवक/युवती को जो कार्य सौंपा जाएगा, प्रथम 10 दिवस में निकाय द्वारा उस कार्य को सुचारू रूप से करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा अगले 90 दिवस में युवक/युवती द्वारा कार्य संपादित किया जाएगा।
- कार्य के समय के अलावा, प्रात: कालीन अथवा सायंकाल के घण्टो में, चयनित क्षेत्र में कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए नोडल विभाग कौशल विकास विभाग होगा।
- किए गए कार्य का भुगतान, 4,000/- रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड (Stipend) के मान से, प्रत्येक माह के अंत में युवक/युवती के बैंक खाते में किया जाएगा। कार्य की अवधि एक माह से कम होने पर सामानुपातिक दर से भुगतान किया जाएगा।
चयन प्रक्रिया –
- पात्र अभ्यर्थी युवा पोर्टल www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in पर पंजीयन कर अभिस्वीकृति-पत्र का प्रिन्ट आउट प्राप्त करेंगे। पोर्टल द्वारा उन्हें ‘पहले-आओ, पहले-पाओ‘ FCFS (First Come First Serve) आधारित कार्य आवंटन तथा चयनित नगरीय निकाय पर प्रत्यक्ष रूप से उनकी ऑनबोर्डिंग की जायेगी जिसकी पूर्व सूचना उन्हें उनके मोबाईल पर SMS एवं मोबाईल एप पर दी जायेगी। ऑनबोर्डिंग के समय नगरीय निकाय के नोडल अधिकरी उनका आधार-आधारित-सत्यापन (e-KYC) करेगें तथा निकाय स्तरीय दस दिवसीय प्रशिक्षण संचालित करेंगे।
- इसके पश्चात 90 दिवस तक 4 घंटे नगरीय द्वारा आंवटित विहित कार्य में नियोजन एवं 4 घंटे कौशल एवं तकनीकी विकास हेतु प्रषिक्षण दिया जायेगा जिसमे न्यूनतम उपस्थिति होने पर ही अभ्यर्थी को कृत कार्य के समानुपातिक भुगतान की आर्हता होगी। यह न्यूनतम उपस्थिति कार्य में 33% एवं प्रशिक्षण में 70% होगी। उक्त दिवसो से आशय केवल कार्य-दिवस है। भुगतान की समस्त सूचनाएं अभ्यर्थी को SMS आदि से सतत प्रेषित की जायेगीं-जैसे कि बैंक खाते के आधार से लिंक न होने की दशा में उसे यथाशीघ्र विधिवत लिंक करवाने की सूचना इत्यादि।


